पूज्य गंगा यमुना की पवित्र धरती और दोनों नदियों के बीच में स्थित स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी तथा प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर ऐतिहासिक जनपद फतेहपुर की तहसील क्षेत्र में मौजूद ग्राम झाऊ मेदनीपुर के साधारण किसान स्वo श्री ब्रजभूषण त्रिपाठी व स्वo श्रीमती महादेवी त्रिपाठी तीन पुत्रियों के बीच में एकमात्र सुपुत्र श्री शिव शंकर त्रिपाठी लल्लनबद्ध का जन्म 02 जनवरी 1938 में हुआ था। जनपद फतेहपुर से लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय तक से श्री त्रिपाठी ने एमo एo हिन्दी, एमo एo समाज शाष्त्र, एमo एo शिक्षा शाष्त्र, एळo एळo बीo तथा साहित्य रत्न की शिक्षा प्राप्त की । प्रारंभिक शिक्षा के बाद शासकीय बीo टीo सीo व पेडोगाजिकल इंस्टिट्यूट इलाहाबाद से इंग्लिश का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद श्री त्रिपाठी ने फतेहपुर जिला परिषदीय विद्यालय में लगभग 10 वर्ष अध्यापन कार्य करने के बाद स्वयं इस्तीफा दे दिया और लखनऊ पीo आरo डीo एवं होमगार्ड हेड क्वार्टर के प्रशिक्षण केंद्र में प्रधान अध्यापक के पद से प्रशिक्षण में आने वाले जिला कमांडेंट, बटालियन कमांडेंट, कंपनी कमांडर, प्लाटून कमांडर के साथ पीo आरo डीo के डीo ऒo एवं ऐo डीo ऒo और ब्लाक अर्गनाइजर अधिकारियों को प्रशिक्षण से सम्बंधित अध्यापन का कार्य प्रारम्भ किया । लगभग 15 वर्षों तक उक्त विभागों में शासकीय सेवा से स्वयं इस्तीफा देकर लखनऊ शहर के कई मोहल्लों में श्री त्रिपाठी ने अपने बाबा, दादा व माता-पिता आदि के नाम से कई विद्यालय नर्सरी कक्षा से लेकर हाई स्कूल तक की शासकीय मान्यता के साथ लगभग 20 वर्षों हजारों बच्चों को शिक्षा देने के साथ पचासों शिक्षित व गैर शिक्षित बेरोजगारों को अपने विद्यालयों में नौकरी देकर बेरोजगारी दूर करने का कार्य किया । इसके बाद श्री त्रिपाठी ने जय प्रदेश साप्ताहिक समाचार पत्र के साथ कार्य करते हुए दैनिक जागरण के संपादक श्री भगवत शरण की अध्यक्षता में उपाध्यक्ष के पद से 1982 में आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन का लखनऊ में गठन किया और संगठन के माध्यम से देश के समाचार प्रतिनिधियों की सेवा करते हुए जय प्रदेश साप्ताहिक समाचार पत्र को अपने नाम परिवर्तित कराकर वर्ष 1986 में स्वयं समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ किया । वर्ष 1991 में लखनऊ से ही दैनिक समाचार पत्र उर्जा टाइम्स का प्रकाशन भी प्रारम्भ कर दिया ।
श्री त्रिपाठी जी बचपन से ही सेल्फ मेड मैन रहे । अपने किसी काम में कभी भी किसी नेता, मंत्री, प्रशासनिक अधिकारी आदि से कोई सिफारिश नहीं कराई जबकि अधिकांश नेता, मंत्री व प्रशासनिक अधिकारियों से श्री त्रिपाठी जी का व्यक्तिगत संपर्क रहता है । अपने व्यक्तिगत व्यवहार से उक्त सभी कार्यों में निर्धारित समय में शासकीय मान्यताएं प्राप्त की, चाहे वह विद्यालय की हो चाहे वह समाचार पत्र की हो । श्री त्रिपाठी जी कहते हैं की ईश्वर ने उन्हें वरदान देकर बचपन से ही सक्षम बना रखा है । इसी वरदान की वजह से ही श्री त्रिपाठी जी छोटे कर्मचारियों से लेकर उच्च अधिकारियों के साथ गरीब, दुखी व परेशान व्यक्तियों की परेशानियाँ दूर करते रहते हैं । इसी क्रम में जनपद फतेहपुर के ग्राम दमापुर इन्टर कॉलेज को कई बार शासकीय मदद दिलाई । इसी क्रम में जनपद फैजाबाद के ग्रामीण स्थित महिला डिग्री कॉलेज व जनपद अम्बेडकर नगर के ग्रामोदय डिग्री कॉलेज जिन्हें शासकीय मान्यता नहीं थी में अध्यक्ष के पद से बीo एo, एमo एo, बीo एडo, बीo पीo एडo आदि डिग्रीयों के साथ शासकीय स्थायी मान्यता दिलाकर पीo जीo कॉलेज बनाया व वहां लगभग 10 वर्षों तक अध्यक्ष रहे । इसी क्रम में उपाध्यक्ष के पद से लखनऊ में रामेश्वरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में सीo बीo एसo ईo, बीo फार्माo, एमo बीo एo, बीo टेकo आदि की डिग्री दिलाने में भरपूर सहयोग दिया है ।
आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन (आइसना) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद श्री यशपाल कपूर के निधन के बाद दिल्ली में श्री त्रिपाठी जी को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया और तब असे बार-बार यह जिम्मेदारी श्री त्रिपाठी जी को निभानी पड़ रही है । श्री त्रिपाठी जी ने लगभग 25 प्रदेशों व उनके अधिकांश जिलों में तत्काल समितियां गठित कर भारत देश का एकमात्र सबसे बड़ा विशाल संगठन बना दिया है । अख़बार से सम्बंधित एमo एलo एo व मंत्री को भी संगठन में श्री त्रिपाठी जी ने नियुक्त किया । इसी क्रम में वर्तमान में छः सांसदों को श्री त्रिपाठी जी ने सम्मानित पद पर नियुक्त करने के साथ ही उनका स्वीकृत पत्र प्राप्त कर उनके नाम भी आइसना की वेबसाइट www.aisnaindia.com पर अपलोड कर दिया गया है । वेबसाइट में आइसना इतिहास, राष्ट्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी, पधाकारियों के नाम, रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, नियमावली, सदस्यता फार्म, सदस्य व पदाधिकारियों के नाम पते के साथ आइसना सम्मलेन की कुछ फोटो व कार्यक्रमों के विभिन्न समाचार पत्रों में कवरेज अंश को देखा जा सकता है ।
रिश्वत लेना, देना, कर्ज लेना व भ्रष्टाचार करने के श्री त्रिपाठी जी सख्त विरोधी हैं । लगभग 75 वर्षों के अभी तक के जीवन में श्री त्रिपाठी जी ने अनेकों ऐतिहासिक कार्य किये हैं ।
आरती त्रिपाठी
प्रकाशक, संपादक व राष्ट्रीय महामंत्री आइसना